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पुरानी बात नई बात
Jungle Story पुरानी बात नई बात:- आपको शेर और खरगोश की कहानी अच्छी तरह याद होगी कि ‘एक शेर था।’ वह जब बूढ़ा हो गया तो उसने एक-एक जानवर रोज़ बुलाकर खाना शुरू किया। फिर एक दिन जब खरगोश की बारी आयी तो वह भी गया। वह शेर को कुएं पर ले गया और शेर की परछाई को दूसरा शेर बताकर उसे कुएं में गिरा दिया। शेर मर गया। खरगोश की चालाकी से सभी प्रसन्न हुए। यह तो पुरानी बात थी। लेकिन अभी इस युग की एक घटना सुुनिए जो इस प्रकार है। (Jungle Stories | Stories)
एक जंगल में एक शेर रहता था। जब वह बूढ़ा हो गया तो उसने जंगल के जानवरों को बुलाकर कहा-‘‘मुझे राज्य के काम के कारण शिकार करने का समय नहीं मिलता। अतः तुम में से रोज़ एक जानवर मेरे पास आ जाया करो। जैसा कि मेरे पूर्वजों के समय किया जाता था।
उस दिन से रोज़ एक जानवर शेर के पास जानेे लगा जानवर भी शेर और खरगोश को पुरानी बात जानते थे। एक दिन उन में भी खरगोश की बारी आई। उसने सोचा आखिर मरना तो है ही। क्यों न मैं भी अपने पूर्वज खरगोश का बहाना दुहरा लूँ? शायद सफल हो जांऊ। (Jungle Stories | Stories)
यह सोचकर खरगोश देर से शेर के पास पहुँचा। शेर ने देर से आने का कारण पूछा तो खरगोश ने बताया- ‘‘महाराज जब मैं आ रहा था तो रास्ते में मुझे दूसरा शेर मिला, वह मुझे कहने लगा, ‘‘तू मेरा भोजन है कहाँ जा रहा है?’’ मैंने कहा- ‘‘मैं अपने राजा के पास जा रहा हूं। उनके पास से लौटकर मैं आपके पास आऊँगा, बस महाराज इसी बहानें से मैं यहाँ तक आ सका।’’ (Jungle Stories | Stories)
शेर खरगोश की बात सुनकर उसकी चालाकी समझ गया। आखिर उसके पुरखों पर भी तो...
शेर खरगोश की बात सुनकर उसकी चालाकी समझ गया। आखिर उसके पुरखों पर भी तो यही मुसीबत आई थी। फिर भी शेर ने अनजान बनते हुए खरगोश का मन रखने के लिए कहा-‘‘चलो, हमें उस शेर को दिखाओ। हम उसे नहीं छोड़ेंगे।’’
‘‘खरगोश मन ही मन प्रसन्न हुआ कि उसने शेर को बेवकूफ बना दिया है।’’ (Jungle Stories | Stories)
आगे-आगे खरगोश चल रहा था और पीछे-पीछे शेर। थोड़ा चलकर खरगोश कुएं के पास रूक कर बोला -‘‘ ये देखिए महाराज आपके डर से कुँए में छुप गया है।’’
शेर ने कुएं में झांका और बोला-‘‘हाँ बेवकूफ को खाने को खरगोश चाहिए। खरगोश भाई, जरा तुम भी तो देखो कुएं का शेर मुझे कैसे देख रहा है?’’ (Jungle Stories | Stories)
खरगोश ने भी कुएं में देखा। दोनों की परछाई कुएं में दिखी तब शेर ने कहा...‘‘चलो, एक खरगोश भी कुएं में है, उस शेर को भी उसका भोजन मिल गया और तुम मेरे भोजन हो।’’
शेर की चालाकी भरी बातें सुनकर खरगोश का दिल बैठ गया। लेकिन अब उसकी चालाकी नहीं चल सकती थी। थोड़ी देर में शेर ने उसका सफाया कर दिया। (Jungle Stories | Stories)
जंगल के जानवरों को जब इस घटना का पता चला तो उन्हें बड़ा दुख हुआ। एक अन्य खरगोश ने निश्चय किया कि वह शेर को अवश्य मारेगा। खरगोश द्वारा किए गए इस निश्चय पर अन्य जानवरों ने उसे समझाया कि वह झंझट मोल न ले, आजकल पहले जैसे मूर्ख शेर नहीं रहे। लेकिन वह खरगोश न माना। जब उसकी बारी ‘आई तो शेर के पास जाने से पहले उसने जहर खा लिया। शेर ने उसे अपना भोजन बनाया और कुछ देर बाद शेर भी चल बसा। इसके बाद जंगल के जानवर अपना जीवन खुशी-खुशी व्यतीत करने लगे। (Jungle Stories | Stories)
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